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Channel: अनुनाद
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जो कुछ है बेतरतीब मेरा - तस्‍लीमा नसरीन की तीन कविताऍं : अनुवाद - सुलोचना वर्मा

विख्‍यात बॉंग्‍ला लेखिका तस्‍लीमा नसरीन का आज जन्‍मदिन है। इस अवसर पर हम उनकी तीन कविताऍं बधाई और शुभकामनाओं के साथ प्रकाशित कर रहे हैं, जिनका अनुवाद सुपरिचित कवि और अनुवादक सुलोचना वर्मा ने किया है।...

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थक जाते थे हम कलियाँ चुनते - प्रचण्‍ड प्रवीर (बाल साहित्‍य/कविता पर आलेख)

इक्‍कीसवीं सदी के आरम्‍भ में हिन्‍दी में जिन महत्‍वपूर्ण कथाकारों की आमद हुई है, प्रचण्‍ड प्रवीर उनमें बेहद ख़ास और अलग नाम है। वे क़िस्‍सागोई के साथ आलोचना के कुछ उपेक्षित क्षेत्रों में भी सक्रिय हैं।...

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एक बस्ती हम जैसों के लिये - वीरेन्‍द्र गोस्‍वामी की कविताऍं

मैं देखता हूँ कि लोग बहुत अलग-अलग तरह का जीवन जीते हुए कविताऍं लिखते हैं या लिखने की कोशिश करते हैं। ये कोशिशें और ये संघर्ष सहज हों तो सुन्‍दर भी लगते हैं। लिखने की शुरूआत किसी भी उम्र से हो सकती है।...

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आशंकाओं के बीच आशा - विवेक निराला की कविताऍं

  आशंकाओं के बीच आशा    कल्पना और सपना से परे ये कविताएं निखालिस आज की हैं।  ये कविताएं अपने समय के प्रति सजग नागरिक की कविताएं हैं। एक ऐसा शहरी जो इंसान से इंसानों जैसे व्यवहार किए जाने की उम्‍मीद...

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सपनों के षड्यंत्र और विकल्पों की दुनिया - डॉ. अजित की कविताऍं

आत्मकथ्यखुद को कवि कहने का साहस और कवि होने की जिम्मेदारी दोनों का खुद के अंदर नितांत अभाव पाता हूँ. कविता लिखता हूँ यह कहने के बजाए यदि मैं यह कहूँ कि कविता का मैं माध्यम भर हूँ कविता खुद अपने कवि का...

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कब नहीं रोया है पहाड़ - खेमकरण ‘सोमन’ की कविताएँ

  कवि ने कहा   मुझे लगता है कि जब चोर, संभ्रांत और सिपाही की भाषा बोलने लग जाए या संभ्रांत और सिपाही, चोर की भाषा बोलने लग जाए। तब दुनिया बिगड़ने लगती है। कोई आदमी बीच सड़क पर किसी को लूट रहा हो या कर...

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क्रूर कहानियों के भयावह शहर में - अमित श्रीवास्‍तव

अमित हिन्‍दी के उन दुर्लभ युवा कवियों में है, जो सिर्फ़ कविता करने का हठ नहीं ठाने रहते, बल्कि उसे समृद्ध बनाने वाली वैचारिक और भाषिक संरचनाओं में भरपूर आवाजाही रखते हैं। वे कविता के इलाक़ों में...

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बिंदु - बिंदु जल : सुलोचना वर्मा की कविताऍं

सुलोचना की कविता मनुष्‍यता को किनारों पर खड़ी पुकारती भर नहीं रहती, वह उस उत्‍सव और शोक में शामिल हो जाती है, जिसे समग्रता में हम साधारण मनुष्‍य का जीवन कहते हैं। वे विमर्शों की कवि नहीं हैं, न निजी...

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पाब्लो नेरूदा और बेंजामिन प्रादो की कविताऍं - मूल स्‍पैनिश से अनुवाद : मंजू...

मंजू यादव हैदराबाद में विदेशी भाषा विश्‍वविद्यालय से स्‍पैनिश में परास्‍नातक कर रही हैं। अनुनाद ने उनसे स्‍पैनिश मूल से कुछ अनुवाद मॉंगे थे, जिसके जवाब में बेंजामिन प्रादो की एक और पाब्‍लो नेरूदा की दो...

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तब केवल उम्मीदों में होते हैं बीज और बारिश - राकेश मिश्र की कविताऍं

राकेश मिश्र जी की कविताओं में गाँव है, वहां की पगडंडी है, प्रकृति है, प्रेम है, आम आदमी और मेहनतकशों के प्रति गहरी संवेदना है। कवि के पास जीवन के सौंदर्य को देखने परखने  का एक ख़ास नजरिया है. बहुत ही...

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सहूलियात के विरुद्ध अदावतों के इलाक़ों में - विष्‍णु खरे (दूसरे स्‍मृति-दिवस...

विष्‍णु खरे की दूसरी पुण्‍यतिथि है। किसी भी दौर में भाषा और समाज की कविता समग्रता में केवल एक कवि की ऊर्जा से संचालित नहीं होती, वह कई सहयात्रियों की यात्रा है, लेकिन कहना ही होगा कि विष्‍णु खरे के...

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तुम जा रहे हो और आंखें मिला नहीं पा रहे - राजीव कुमार की कविताऍं

अनुनाद पर पहली बार प्रकाशित हो रहे कवि राजीव कुमार इतिहास और हिंदी साहित्य के छात्र रहे। "इंडियाज़ इस्लामिक कंसर्न"पर शोध किया है। पटना और दिल्ली विश्वविद्यालय में छात्र जीवन में अध्ययन और...

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पारस्परिक समझ का वृक्ष दमकता हुआ सीधा और सरल - विस्वावा शिम्बोर्स्का की कुछ...

एक वाक्य में कविता की परिभाषा ! अच्छा, ठीक है. हम कम से कम पांच सौ परिभाषाएं जानते हैं लेकिन उनमें से कोई भी हमें सटीक या पर्याप्त नहीं लगती. हर परिभाषा अपने समय के स्वाद को अभिव्यक्त करती है. जो ये...

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समालोचन @ १० : बड़ी मुश्किल से होता है चमन में दीदावर पैदा - सुशील कृष्ण गोरे

हिन्‍दी में ब्‍लॉगिंग के मायने ठीक वही कभी नहीं रहे, जो अंग्रेज़ी में हैं या जो उसके तकनीकी मायने भी हैं। हिन्‍दी के लोगों ने उसे निजी स्‍पेस की तरह इस्‍तेमाल न करके सामूहिक जगहों में बदल दियाहै, जहॉं...

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आ रहा हूँ तुमसे मिलने - साठ के विमल कुमार

अग्रज कृष्‍ण कल्पित ने आज कहीं लिखा है कि युवा कवि विमल कुमार साठ के हो गए। एकबारगी परिहास-सी लगती यह बात दरअसल कविता में विमल कुमार की ऊर्जा की ठीक-ठीक शिनाख्‍़त करती है। विमल जी को मैंने 1992 में...

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आत्मकथा - 30 (वाँग कार-वाई की फ़िल्म इन मूड फॉर लव में भटकते हुए)

आत्मकथा 30(वाँग कार-वाई की फ़िल्म इन मूड फॉर लव में भटकते हुए) समूचे समाज को कहने का जिम्मा दो लोगों ने लिया था पर्दे पर एक ख़ामोश हाहाकार था जिसे ख़ूबसूरत और बदसूरत कहते थे लोग वह जीवन था हमारा हमारी...

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हिन्दी साहित्य,न्यू मीडिया एवं प्रकाशक/प्रकाशन - कुमार अनुपम से मेधा नैलवाल...

 हिन्दीसाहित्य,न्यू मीडिया एवं प्रकाशक/प्रकाशन : कुमार अनुपम-  (साहित्य अकादमी,दिल्ली) साक्षात्कार                                                छवि - 5 जुलाई 2022/ साहित्‍य अकादमी मेधा नैलवाल -...

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दिव्‍या श्री की कविताएं

दिव्‍या श्री हिन्‍दी की युवतर कवि हैं। उनकी कविताएं अपने क्रिया-व्‍यवहार और अनुभव में आंचलिक के तद्भव से लेकर शास्‍त्रीयता के तत्‍सम तक एक बड़े कैनवास पर उकेरी गई कविताएं हैं। अनुनाद पर दिव्‍या श्री का...

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बेटियों के गुमसुम रहने से पिताओं की उम्र कम होती है - सपना भट्ट की कविताएं

 प्रेम पिता का दिखाई नहीं देता चन्‍द्रकान्‍त देवताले की प्रसिद्ध कविता है। इस नाम से एक शानदार संग्रह का चयन एवं सम्पादन कवि कुमार अनुपम ने किया है। इस संग्रह की कविताओं को पढ़ते हुए फेसबुक पर पढ़ी सपना...

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ईश्वर को प्राप्त है हर चीज़ की आड़ - योगेश ध्‍यानी की कविताऍं

योगेश ध्‍यानी की कविताऍं समकालीन हिन्‍दी कविता में बिलकुल नया एक बयान हैं। नया होने के बावजूद वे किसी असाधारण शिल्‍प और भाषा में नहीं, बल्कि साधारण जीवन और जन की बेहद मामूली, लेकिन अनिवार्य कहन की तरह...

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