अरूणाचल के पानी में डूब रहा है केरल - अनामिका अनु की कविताऍं
कितनी अलग-अलग आवाज़ें इस बीच हिन्दी कविता को मिली हैं, यह देखना सुखद है। अहिन्दी प्रदेशों में हिन्दी की कविता के रचे हुए नए-नए-से ये दृश्य आश्वस्त करते हैं। इन दृश्यों में लम्बी यात्राऍं हैं,...
View Articleकठिन काल में प्रेम के दस्तावेज - देवेश पथ सारिया की कविताऍं
कवि का कथनकविता मेरे लिए अपने भीतर के उस बच्चे को स्वर देने का प्लेटफार्म है, जिसने एक अलग- थलग, दार्शनिक-सा बचपन जिया। समय के साथ मेरी कविता की यात्रा में...
View Articleहम पानी में नहीं कर्ज में डूबे थे - रोहित ठाकुर की कविताऍं
कवि का कथनमेरा मानना है कि साहित्य स्वयं का , अपने परिवेश के मूल्यांकन और पुनः मूल्यांकन का आधार देती है ।घर से अत्यधिक आत्मीयता से जुड़ा हुआ हूँ, जीवन और उसके आस-पास की घटनाओं में मैंने रागात्मकता को...
View Articleभैया जी, यह देश बहुत बड़ा है - कमल जीत चौधरी
कमल जीत चौधरी चर्चित युवा कवि हैं। अनुनाद को दोबारा सक्रिय करते हुए मैंने उनसे हिन्दी कविता में इधर चल रही बहसों पर एक लेख माँगा था। सरकारी नौकरी की व्यस्तता और इधर खड़े हुए महामारी संकट के बीच...
View Articleपृथ्वी की तमाम ऊर्जा अकेले कैसे चुरा सकता हूँ - अरुण शीतांश की कविताऍं
अरुण शीतांश जाने-पहचाने कवि हैं। उनके महत्वपूर्ण रचनात्मक और आलोचनात्मक हस्तक्षेप हिन्दी संसार में संवाद की शिनाख़्त की तरह देखे गए हैं। अनुनाद पर ये कविताऍं प्रस्तुत करते हुए कवि को शुभकामनाऍं...
View Articleजो संताप इन दिनों में भोगा है - शचीन्द्र आर्य की कविताऍं
कवि का कथन जिन्हें भी अपनी कविताएँ कह रहा हूँ, वह मेरे भीतर से बाहर और बाहर से भीतर आने की प्रक्रिया का विस्तार है। जो कोई भी कुछ कहना चाहता होगा या कह पाता होगा, उसके पास रचने के क्रम में यह ऐसे ही...
View Articleक्योंकि उसे सिर्फ़ शब्दों से नहीं लिखा जाता - रश्मि भारद्वाज
हिन्दी कविता में इधर चली बहसों पर युवा कवि रश्मि भारद्वाज की यह प्रतिक्रिया एक लेख के रूप में मिली है। युवा कवियों की ओर से ऐसे हस्तक्षेप भले ही बहुत न हों, पर इनका होना आश्वस्त करता है। रश्मि का...
View Articleजो पैर कभी नहीं चलते वो गप्प लगाते हैं - गौरांशी चमोली की कविताऍं
गौरांशी चमोली की कविताऍं मैंने फेसबुक के एक पेज पर हुए लाइव में सुनीं। जीवन और समाज की बुनियाद समझ से भरी इन कविताओं में मुझे सहजता का वो दुर्लभ-सा सिरा हर कहीं मौजूद मिला, जिसकी हमारी किंचित विकसित और...
View Articleलोगों को दुखों के कलात्मक ढाँचे आकर्षित करते हैं - जोशना बैनर्जी आडवाणी की...
कुछ दिन पहले ओम निश्चल के एक आलेख में जोशना बैनर्जी आडवाणी का उल्लेख मैंने देखा, फिर फेसबुक पर उनकी कविताऍं पढ़ीं। उनसे अनुनाद को ये कविताऍं मिली हैं। आप अवश्य ही यह महसूस करेंगे कि कविता में...
View Articleविदग्ध देहों का जल-स्पर्श - अमिताभ चौधरी की कविताऍं / चयन : प्रशांत विप्लवी
अमिताभ चौधरी की कविताऍं कवि प्रशांत विप्लवी ने अपनी एक टिप्पणी के साथ उपलब्ध करायी हैं। इस सहयोग के लिए अनुनाद प्रशांत जी का आभारी है। इधर के प्रचलनों से अलग ये कविताऍं एक अलग कहन की कविताऍं हैं और...
View Articleबापू की लाठी पर टिकी है पृथ्वी - रोहित कौशिक की कविताऍं
कवि का कथन कविता मेरे लिए जीवन को समझने का माध्यम है। हर व्यक्ति जीवन को किसी न किसी तरह से समझने का प्रयास करता ही है। कवि या कथाकार के लिए जीवन वृहद रूप में सामने होता है। इसलिए उसके लिए जीवन...
View Articleआँखों की नदी में हिल रहे हैं सपने - जितेन्द्र श्रीवास्तव की कविताऍं
जितेन्द्र श्रीवास्तव चर्चित कवि हैं। उनकी कुछ प्रेम कविताऍं अनुनाद को मिली हैं। पुरानी बयाज़ से निकाल कर सत्ताईस बरस बाद कवि ने इन कविताओं का संग्रह प्रकाशित कराना तय किया है और उसी संग्रह से ये...
View Articleधरती के किसी कोने में - रमेश शर्मा की कविताऍं
कवि का कथनमेरी समझ में कविता घर और समाज में एक मनुष्य को दूसरे मनुष्य की संवेदनाओं से जोड़ने वाली एक सेतु की तरह है जिसके बिना एक दूसरे तक पहुँचने में हमें दुनियावी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है |...
View Articleविपदाऍं नया रच कर जाती हैं - आशीष कुमार तिवारी की कविताऍं
कवि का कथन कविताएँ तो मैं स्नातक से ही लिखने लगा था लेकिन सचेत रूप से लिखने का क्रम परास्नातक (2017) के बाद से शुरू हुआ।इन तीन वर्षों में बहुत कुछ देखा राजनीति में निर्लज्ज सांप्रदायिकता,...
View Articleपिछले शरद के पहले नए थे नीलकुरिंजी के फूल – कुशाग्र अद्वैत की कविताऍं
कुशाग्र अद्वैत बाईस बरस के नौजवान हैं, जिनके पास कुछ विशिष्ट जीवनानुभव हैं, जैसे हर नौउम्र इंसान के पास होते हैं। कुशाग्र जीवन की सांद्रता को कुछ सजग हो और कुछ चौंकते हुए-से देख और ऑंक रहे हैं। उनकी...
View Articleभूख के पैर उग आए - गिरीश चंद्र पांडे की कविताऍं
कविता मेरे लिए जीवन को बेहतर बनाने का जरिया है। मुझे कविता ने बदला है। इस हद तक बदला है कि पिछले कुछ वर्षों में दुनिया और दुनियादारी को देखने के अपने नज़रिये में आमूलचूल परिवर्तन महसूस कर पाता हूँ -...
View Articleजब सारी बड़ी-बड़ी नदियाँ थक गईं - संदीप तिवारी की चार कविताऍं
संदीप नौजवान कवियों में उम्मीद से भरा एक नाम हैं। उन्हें पिछले वर्ष युवा कविता के लिए रविशंकर उपाध्याय स्मृति पुरस्कार बनारस में दिया गया है। वे लोक और विचार से गहरी सम्बद्धता रखने वाले कवि हैं।...
View Articleहिन्दी सीझ रही है मनुज की आत्मा में - मंजुला बिष्ट की कविताऍं
कवि ने कहा मेरे लिए लिखने की तलब क्या है..इस प्रश्न को मैं ख़ुद से करती रहती हूँ।आख़िर क्या जरूरत है घड़ी के दो काँटों के बीच भागते कालांश से अपने हिस्से का चुराया अलभ्य एकांत कलम को सहर्ष सौंप...
View Articleसभी जाएँगे मुझको भूल : विष्णु खरे की कविता पर विशाल श्रीवास्तव का लेख
विष्णु खरे हिन्दी कविता के इलाक़े में हुई बहुत बड़ी हलचल का नाम है। कितनी ही उथलपुथल उनके नाम दर्ज़ हैं। विवादों में बदलते हुए संवाद और विवादों के बहाने किसी संवाद को जन्म देने की दुर्बोध-सी एक...
View Articleउन सपनों को पूरा करने की चाह में - विजय विशाल की कविताऍं
कवि ने कहा वस्तुतः लेखक होने से पहले मैं स्वयं को एक सजग पाठक के रूप में देखता हूँ। एक सजग पाठक ने मेरे व्यक्तित्व को एक सजग नागरिक बनाने में...
View Article