बारहों ऋतुओं में ठहरा तुम्हारा स्पर्श - गीता गैरोला की कविताऍं
गीता गैरोला प्रख्यात सामाजिक कार्यकर्ता हैं। महिला समाख्या में कार्य करते हुए उन्होंने साधारण भारतीय स्त्रियों की सामाजिक स्थिति का बहुत निकटता से अनुसंधान किया, लेकिन गीता गैरोला का कार्य स्त्री...
View Articleएक उड़ती हुई चिड़िया की ओर - नेहल शाह की कविताएं
हिन्दी कविताओं में इधर बीच सामने आई संभावनाओं में नेहल साह की कविताओं में अस्मिता से जुड़े प्रश्नों के स्पष्ट स्वर दिखाई देते हैं। अनुनाद पर यह उनका प्रथम प्रकाशन है,कवि का यहाँ स्वागत है।...
View Articleदुबई एक रंगीन सिगरेट की डिब्बी की शक्ल में - गौरव सिंह की दो कविताऍं
गौरव सिंह की कविताऍं महानगरों, अजनबीपन, व्यर्थताओं और ऐसे ही कई-कई बार कहे-लिखे गए प्रसंगों को अपने भावबोध के सहारे अलग और नए तरीक़े से लिखती हैं। बिलकुल नई पीढ़ी के पास बीसवीं सदी के ये प्रसंग और...
View Articleकैरेबियाई कवि डेरेक वालकाट की 10 कविताऍं - चयन एवं अनुवाद : श्रीविलास सिंह
श्रीविलास सिंह ने विश्वकविता से बहुत महत्वपूर्ण अनुवाद हिन्दी में सम्भव किए हैं। हमेें कैरिबियाई कवि डेरेक वॉलकाट की दस कविताऍं मिली हैं। संसार में जनसाधारण के जीवन की सुघड़ता और मनुष्यता के मूल...
View Articleटर्रापन लिए मीठे फल - भूपेन्द्र बिष्ट की कविताऍं
भूपेन्द्र बिष्ट लम्बे समय से कविता लिख रहे हैं, लेकिन उनकी उपस्थिति समकालीन दृश्य में एक ख़ामोश और संकोची उपस्थिति रही है। दैनिक जीवन की साधारण हलचलों, जनों, घटनाओं और बेहद मामूली लगते प्रसंगों से...
View Articleशुद्धता एक मिथक है - देवेश पथ सारिया की कविताऍं
देवेश पथ सारिया के पास जीवनानुभवों का एक समृद्ध विस्तार है। भारत से ताईवान तक के रहवासी होने के अनुभव और धरती से अंतरिक्ष के कार्यक्षेत्र के अनुभव उन्हें जीवन और उसकी हलचलों को देखने की एक निजी...
View Articleहोने और न होने की बहसों के बीच मैं ईश्वर की तलाश में हूँ- अशोक कुमार की कविताएं
अशोक कुमार की कविताओं में लोक का ठेठपन, उसकी पीड़ा, उसकी चुनौतियाँ, उसके निश्चल स्वप्न , समाज का खोखलापन और जन्मभूमि से प्रवासित होने का दुःख झलकता है। अनुनाद पर यह उनका प्रथम प्रकाशन है। कवि का...
View Articleजब भी कोई स्थायी पता पूछता है, मैं मुस्कुरा देता हूं- ललन चतुर्वेदी की कविताएँ
कविता लेखन पर निजी जीवन और अनुभवों का विशेष प्रभाव होता है, जब यही अनुभव लोक मानस से जुड़ जाते हैं, तब सार्वजनिक होकर सभी जनों की आवाज़ बन जाते हैं। ललन चतुर्वेदी की कविताएं इन्हीं निजी...
View Articleएडम ज़गायेव्स्की की तीन कविताऍं : अंग्रेज़ी से अनुवाद - अंजलि नैलवाल
एक पियानोवादक की मृत्यु दूसरे जब जंग छेड़ रहे थेअथवा कर रहे थे अनुनय अमन के लिये, या जबपड़े हुए थे दवाख़ानों व छावनियों कीतंग शय्या पर, कई-कई दिनों तक तब उसने किया अभ्यास बीथोवेन की धुनों काऔर...
View Articleगहन निराशा भी ताकतवर होती है - कुमार अम्बुज के संग्रह 'उपशीर्षक'पर दयाशंकर शरण
गहन निराशा भी ताकतवर होती है सभ्यता के इस दौर की अमानवीयता को जिस तल्खी से वर्तमान समय की कविताओं में अभिव्यक्ति मिल रही है, वह कई मायनों में अपने पूर्ववर्ती दौर की कविताओं से...
View Articleवीरेन्द्र दुबे की कविताऍं
वीरेन्द्र दुबे देश के जाने माने बालशिक्षा विशेषज्ञों में हैं। इस क्षेत्र में उनकी उम्र गुज़री है। मध्य प्रदेश से उत्तराखंड तक विस्तृत उनके कार्यक्षेत्र में लोग उन्हें प्यार और सम्मान से याद करते...
View Articleसमकालीन कविता में भारतबोध - दीक्षा मेहरा
समकालीन कविता में भारतबोध भारत मात्र एक भू-खंड ही नहीं,अपितु समृद्ध वैचारिक परंपरा,विशाल सभ्यता, संस्कृति,...
View Articleबढ़ता ही जाता पृथ्वी पर भयावह सन्नाटा : मोहन कुमार डहेरिया की कविताएं
वरिष्ठ कवि मोहन कुमार डहेरिया नब्बे के दशक में प्रकाश में आयी कवि-पीढ़ी के महत्वपूर्ण प्रतिनिधि हैं। इनकी कविताएं समय, राजनीति और साहित्य के किसी भी प्रचलित मुहावरे से दूर कहीं जीवन की अभिधा से भरे...
View Articleअपनी समझ के संग्रहालय को खंगालते हुये- ऋतु डिमरी नौटियाल की कविताएं
ऋतु डिमरी नौटियाल की कविताएं आज के मनुष्य-जीवन और जीवन-शैली में घटित हो रहे प्रसंगों और प्रश्नों को स्पर्श करते हुए उनका सरल उत्तर देती अविरल-सी बहती प्रतीत होती हैं। अनुनाद पर यह उनका प्रथम प्रकाशन...
View Articleबहुत अधिक मामूली लोगों में जो महानता छिपी होती है, वह हम देख नहीं पाते -...
जोशना बैनर्जी आडवाणी की कविताएं कई कहे-अनकहे, सुने-अनसुने कथानकों को सिरजती हुई अपनी कहन के लिए एक अलग तरह का शिल्प गढ़ती हैं। अंचल विशेष की भाषा, तीज-त्यौहार, प्राकृतिक सौन्दर्य, रीति-नीति के नीड़ में...
View Articleरोने से शरीर का अशुद्ध जल बाहर निकल जाता है - अनुष्का पाण्डेय की कविताएं
अनुष्का पाण्डेय की कविताएँ सीघे-सरल संसार के उतने ही सरल प्रश्नों से निकलती-उलझती कविताऍं लगती हैं, किन्तु यह भी याद दिलाती चलती हैं कि हर सरलता का एक जटिल सिरा होता है। कवि के जीवनानुभवों का संसार...
View Articleउम्र में तीस के बाद ज़िंदगी एक समतल मैदान बन जाती- शचीन्द्र आर्य की कविताएं
गूगल इमेज से साभार उम्र में तीस के बाद वह एक अरसे से सोच रहा है, उम्र में तीस के बाद ज़िंदगी एक समतल मैदान बन जाती, जिस पर चलना, दौड़ना, रेंगना सब एक साथ किया जा सकता । बस एक नौकरी होती । महीने...
View Articleकोंपलें नहीं फूट रहीं - डोगरी कवि ध्यान सिंह की कविताएं : अनुवाद एवं...
डोगरी के कवि ध्यान सिंह की पंक्ति कोंपलें नहीं फूट रहीं,महज कविता की नहीं,सामाजिक जीवन और उसकी दशा-दिशा की भी टीस बनकर खुलती है। युवा कवि कमल जीत चौधरी ने अनुनाद के लिए इन कविताओं के अनुवाद सम्भव किए...
View Articleजिन सड़कों से गुजरता हूं - शंकरानंद की कविताएं
शंकरानंद समकालीन हिन्दी कविता के सम्मानित और सुपरिचित रहवासी हैं। उनकी ये कविताएं समाज और राजनीति में इधर बहुप्रसारित ‘सूची’बद्ध प्रकाश के बीच अवस्थित नागरिक जीवन की द्वाभा की कविताएं हैं। कवि का...
View Articleसपना इतनी दूर कभी न लगे जितनी यह दुनिया- सीमा सिंह की कविताएं
सीमा सिंह की कविताएं प्रेम, प्रतीक्षा, स्वप्न, पीड़ा और इच्छाओं के अछोर विस्तार में खड़ी कविताएं हैं। इस विस्तार में उनसे पहले भी एक समूची दुनिया है, उसी दुनिया से ये कविताएं आत्मीय संवाद करती हैं।...
View Articleविजेता इतिहास का निर्माण करेंगे और हारे हुए रचेंगे कविता - मलेशियाई कवि...
73 वर्षीय जुरीनाह हसन (हनीरुज उपनाम) मलेशिया की सबसे प्रतिष्ठित कवि कथाकारों में शामिल हैं और देश की पहली स्त्री राष्ट्रकवि (नेशनल लॉरिएट) हैं। बचपन में उन्हें लड़की होने के नाते ज्यादा बोलने से...
View Articleहम बंड थे किसी हांडी में पके ही नहीं- डोगरी कवि दर्शन दर्शी की कविताएं:...
स्वीकारोक्ति कटोरी में समुद्रअंजलि में पृथ्वी सजाकर मैं बहुत खुश थाअपने आप को एक मीर समझता था। एक दिन गली में नज़र ओलार गयीदेखाकिपड़ोसी ने समुद्र कोत्राम्बड़ी* में डाला हुआ हैऔर पृथ्वी को अपने...
View Articleउन्होंने ही किया सर्वाधिक दोहन भरोसे का, जिनकी शिराओं में सभ्यताओं की रसोई का...
शालिनी सिंह की कविताएं 90 के दशक से साहित्य में उद्भूत स्त्री-अस्मिता की ओर इशारा करती हैं, किन्तु ये अपने कथ्य और कहन में बिल्कुल नए कलेवर की कविताएं हैं। ये कविताएं हर उस स्त्री के मन की बात को कहती...
View Articleरूसी कवि रसूल हम्ज़ातोव की दस कविताएं- चयन एवं अनुवाद - श्रीविलास सिंह
रसूल हम्ज़ातोव का जन्म 1923 में रूस के दागिस्तान इलाके में हुआ था। उनकी शिक्षा दीक्षा मास्को में हुई। उन्होंने साहित्य लेखन की शुरुआत रुसी भाषा के ग्रंथों का अपनी स्थानीय भाषा अवार में अनुवाद से किया।...
View Articleउनकी माँग में तुम्हारी भलाई भी शामिल है...-इंडोनेशियाई साहित्यकार एगुस...
1962 में बांडुंग में जन्मे एगुस सर्जोनो इंडोनेशिया के प्रमुख कवि, लेखक और नाटककार हैं, जिन्होंने इंडोनेशिया के साहित्य का अध्ययन और बाद में अध्यापन किया। उनकी रचनाओं के दुनिया की कई भाषाओं में...
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