कोंपलें नहीं फूट रहीं - डोगरी कवि ध्यान सिंह की कविताएं : अनुवाद एवं...
डोगरी के कवि ध्यान सिंह की पंक्ति कोंपलें नहीं फूट रहीं,महज कविता की नहीं,सामाजिक जीवन और उसकी दशा-दिशा की भी टीस बनकर खुलती है। युवा कवि कमल जीत चौधरी ने अनुनाद के लिए इन कविताओं के अनुवाद सम्भव किए...
View Articleजिन सड़कों से गुजरता हूं - शंकरानंद की कविताएं
शंकरानंद समकालीन हिन्दी कविता के सम्मानित और सुपरिचित रहवासी हैं। उनकी ये कविताएं समाज और राजनीति में इधर बहुप्रसारित ‘सूची’बद्ध प्रकाश के बीच अवस्थित नागरिक जीवन की द्वाभा की कविताएं हैं। कवि का...
View Articleसपना इतनी दूर कभी न लगे जितनी यह दुनिया- सीमा सिंह की कविताएं
सीमा सिंह की कविताएं प्रेम, प्रतीक्षा, स्वप्न, पीड़ा और इच्छाओं के अछोर विस्तार में खड़ी कविताएं हैं। इस विस्तार में उनसे पहले भी एक समूची दुनिया है, उसी दुनिया से ये कविताएं आत्मीय संवाद करती हैं।...
View Articleविजेता इतिहास का निर्माण करेंगे और हारे हुए रचेंगे कविता - मलेशियाई कवि...
73 वर्षीय जुरीनाह हसन (हनीरुज उपनाम) मलेशिया की सबसे प्रतिष्ठित कवि कथाकारों में शामिल हैं और देश की पहली स्त्री राष्ट्रकवि (नेशनल लॉरिएट) हैं। बचपन में उन्हें लड़की होने के नाते ज्यादा बोलने से...
View Articleहम बंड थे किसी हांडी में पके ही नहीं- डोगरी कवि दर्शन दर्शी की कविताएं:...
स्वीकारोक्ति कटोरी में समुद्रअंजलि में पृथ्वी सजाकर मैं बहुत खुश थाअपने आप को एक मीर समझता था। एक दिन गली में नज़र ओलार गयीदेखाकिपड़ोसी ने समुद्र कोत्राम्बड़ी* में डाला हुआ हैऔर पृथ्वी को अपने...
View Articleउन्होंने ही किया सर्वाधिक दोहन भरोसे का, जिनकी शिराओं में सभ्यताओं की रसोई का...
शालिनी सिंह की कविताएं 90 के दशक से साहित्य में उद्भूत स्त्री-अस्मिता की ओर इशारा करती हैं, किन्तु ये अपने कथ्य और कहन में बिल्कुल नए कलेवर की कविताएं हैं। ये कविताएं हर उस स्त्री के मन की बात को कहती...
View Articleरूसी कवि रसूल हम्ज़ातोव की दस कविताएं- चयन एवं अनुवाद - श्रीविलास सिंह
रसूल हम्ज़ातोव का जन्म 1923 में रूस के दागिस्तान इलाके में हुआ था। उनकी शिक्षा दीक्षा मास्को में हुई। उन्होंने साहित्य लेखन की शुरुआत रुसी भाषा के ग्रंथों का अपनी स्थानीय भाषा अवार में अनुवाद से किया।...
View Articleउनकी माँग में तुम्हारी भलाई भी शामिल है...-इंडोनेशियाई साहित्यकार एगुस...
1962 में बांडुंग में जन्मे एगुस सर्जोनो इंडोनेशिया के प्रमुख कवि, लेखक और नाटककार हैं, जिन्होंने इंडोनेशिया के साहित्य का अध्ययन और बाद में अध्यापन किया। उनकी रचनाओं के दुनिया की कई भाषाओं में...
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